एक गांव में एक प्रधान रहता । उसके दो बेटे थे - राम और श्याम । राम बहुत मेहनती था लेकिन कभी वो खुद की गलती नहीं मानता था और हमेशा दुसरो पर अपनी गलती का दोष मढ़ देता था । उसी जगह श्याम आलसी था पर अपनी गलती मैंने में देर नही करता था और गलती पर तुरंत सुधार करता है । .
बारिश के दिनों की बात है | एक दिन प्रधान अपने दोनों बेटो को बुलाता है और दोनों को 10-10 किलो गेहू देकर उन्हें अलग - अलग घर में धो कर सूखने को और 1-1 गढ्ढा खोदने को कहता है । और कहता है की जो ये काम अच्छे से करेगा उसे वो अपनी जगह से इलेक्शन लड़ने देगा ।
शाम को जब वो राम के पास पहुचता है तो देखता है की उसके गेहू भी नहीं सूखे है और गढ्ढा भी बहुत छोटा है खुदा हुआ है . जब वो प्रधान राम से इसका कारण पूछता है तो राम कहता है की “आपने ये दोनों काम ही गलत समय पर दिया थे , जैसे ही मैं धुप में गेहू रख कर गढ्ढा खोदने आता तो बारिश शुरू हो जाती । और फिर वापिस थोड़ी देर में धुप निकल आती , तो मई दिन भर यही करता रहा और काम नहीं हो पाया ”. प्रधान निराश होके श्याम के काम को देखने के लिए आगे बढ़ जाता है .
फिर जब प्रधान अपने छोटे बेटे श्याम के पास पहुचता है तो खुश हो कर देखता है की श्याम के गेहू भी काफी हद तक सूख गए है और गढ्ढा भी काफी बड़ा खुदा हुआ है । जब प्रधान ने श्याम से पुछा की उसने ये कैसे किया तब श्याम बोला “जब पहली बार मैं गेहू सुखा कर लौटा और गढ्ढा खोदना शुरू ही किया था की देखा बारिश शुरू हो गयी , तब मुझे अपनी गलती का अहसास हुआ की बारिश के मौसम में मुझे गेहू धूप में नहीं सुखाने चहिये , तब मैंने गेहू छाओ में लाके सुखा दिए , जिससे मैं उसके बाद आराम से गढ्ढा खोद पाया , जिससे मेरा समय भी बर्बाद नहीं हुआ और काम भी हो गया”. किसान अपने छोटे बेटे की समझदारी देख के खुश होता है और उसे वादे के मुताबिक अपनी जगह श्याम को इलेक्शन लड़ने को राज़ी हो जाता है ।
MORAL - कमियां हम सब में होती है और गलतियां भी हम सब से होती है । पर हमें ऐसे नेता को वोट देना है जो दुसरो की गलतियों को गिनाने से ज़्यादा अपनी गलतियों पर ध्यान दे और उन्हें दोहराये ना ।
प्लीज वोट ज़रूर डाले और सोच समझ के डाले , अपने वोट की एहमियत समझिए …
वोट ज़रूर दीजिये ....
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